नकारात्मक सोच क्या है? आखिर! यह कहाँ से आती है और इससे कैसे बचा जा सकता है इन सवालों के जबाब हर व्यक्ति जानना चाहता है क्योकि अगर इन सवालों के जबाब इंसान के पास रहे तो, बड़ी से बड़ी समस्या को हल किया जा सकता है।
दरअसल, नकारात्मक सोच हमारे ही दिमाग की उपज है। जिसका सामना हम कई रूपों में करते है हमारे मन/ दिमाग में कई तरह के विचार आते है जिनमे से 70% विचार नकारात्मक होते जबकि सिर्फ 30% विचार सकारात्मक होते है। इसी कारण जब हम किसी भी चीज के बारे में ज्यादा देर तक सोचते है तो उसमे ज्यादातर चीजे नकारात्मक लगती है यही कारण है कि जो लोग ज्यादा सोचते है वो अपना आधा से ज्यादा समय नकारात्मक विचारो में घिरे हुए व्यतीत करते है।
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नकारात्मकता किसी भी काम से उत्तपन्न हो सकती है जैसे – कोई व्यक्ति सुबह उठकर दुकान को दूध लेने जाता है। पर उसे रास्ते में याद आता है की वह दूध लेने के लिए पैसे तो घर पर ही भूल आया, इसी कारण वह उदास हो जाता है और सोचता है मैं हमेशा ही पैसे लाना भूल जाता हूँ मतलब उसे नकारात्मक विचार आने लगते है।
पर इन्ही नकारात्मक विचारो को सकारात्मक विचारो में बदला जा सकता है अगर वह व्यक्ति यह सोचने के वजाय की वह पैसे घर पर भूल आया है। की जगह यह सोचे कि चलो अच्छा हुआ.. पैसे घर पर भूल आया मुझे फिर से घर तक जाना होगा इसी बहाने मेरी सैर(मॉर्निंग वॉक) भी हो जायेगी क्योंकि सुबह चलना सेहत के लिए लाभदायक होता है, तो उसकी यह नकारात्मक सोच सकारात्मक सोच में बदल जायेगी।
नकारात्मक सोच से छुटकारा कैसे पाये –
नकारात्मकता से छुटकारा पाने के लिए अपने विचारो पर काबू रखना चाहिए। इसके लिए अपनी दैनिक कार्यशैली में परिवर्तन लाना होगा। पर एक बात हमेशा ध्यान में रखनी चाहिए की परिवर्तन एक दिन में नहीं आता इसके लिए कुछ समय तक निरन्तर प्रयास करने होते है इन्ही प्रयासो के चलते कब परिवर्तन आ जाता है पता भी नहीं चलता।।
परिवर्तन लाने के लिए निम्न बातो का ध्यान रखे –
- खुद के ऊपर हमेशा भरोसा रखे चाहे आप कैसे भी परिस्थिति में फसे हो।
- अपने आप को किसी न किसी काम में व्यस्त रखे।
- लोग आपके बारे में क्या सोचते है इसके बारे आप न सोचे यह काम लोगो पर ही छोड़ दे।
- दोस्तों के बीच समय बिताये।
- खाली समय में संगीत सुने।
- नई चुनौतियों से भागने से बजाये इनका सामना करना सीखे।
- अपना एक लक्ष्य बनाये और इस लक्ष्य को पाने के निरंतर प्रयास ही नकारात्मक सोच से बचने और सफलता की पहली सीढ़ी है।
इन बातों का ध्यान रखने वालों को कभी भी नकारात्मक विचार नहीं आते क्योंकि वह इन चीजों और अपने लक्ष्य को पाने में इतने प्रयत्न शील होते है। की इन्हे दूसरी बातो मे के बारे में सोचने का समय ही नहीं होता और नकारात्मक विचारों से छुटकारा पा लेते है।
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good thoughts…
नकारात्मक सोच पर आपकी जानकारी बेहतरीन है। यह भी पूर्णतः सत्य है कि नकारात्मक सोच दिमाग की उपज है तथा जो लोग ज्यादा सोचते है वो अपना आधा से ज्यादा समय नकारात्मक विचारो में घिरे हुए व्यतीत करते है।
Thank you for appreciate my thought. keep visiting